लता मंगेश्कर जी आज दुनिया की चर्चित हस्तियों में से एक है और हो भी क्यों नही जिस तरह संघर्ष करते हुए उन्होंने अपने पिता के साये के उठने के बावजूद छोटे भाई बहनों को काबिल बनाया और संयम स्वर कोकिला बनी यह बहुत ही असाधारण है ।ऐसी परिस्थितियों में कोई भी व्यक्ति बिखर जाता है लेकिन लता मंगेश्कर जी ऐसी नही थी वह बिखरने के लिए नही निखरने के लिए जानी जाती है तभी तो महज पांच साल की उम्र में ही उन्होंने नाटकों में अभिनय करने लगी थी और गानो में अपनी सुरीली आवाज देने लगी थी।
इंटरव्यू में अक्सर पूछा जाता था शादी का सवाल
स्वर कोकिला लता मंगेश्कर जी 92 साल की उम्र में हमे छोड़ कर चली गयी उनकी जीवन की घटनाओं को अगर देखे तो वह कोई साधारण व्यक्ति नही थी उनमे एक असाधारण प्रतिभा थी लेकिन फिर भी आखिर वह ताउम्र अकेली क्यों रही इस बारे मे जब उनसे सवाल किया जाता था तब वह बेहद सरलता से उत्तर देती थी।उनका कहना होता था कि यह सब भगवान की मर्ज़ी से होता है यह किसी भी व्यक्ति के वश की बात नही है ।2011 के इंटरव्यू में शादी के सवाल पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा था कि आप यह सवाल आज से 15 या 20 साल पहले पूछते तो मैं आपको कोई वजह बताती लेकिन अभी इतना ही कहूंगी की यह सब भगवान की मर्ज़ी से होता है।
राज सिंह डूंगरपुर के साथ प्रेम की अफवाह फैली थी
लता जी का जीवन बेहद सादगी के दौर से गुजर गया लेकिन एक ऐसा भी समय आया था जब उनके प्रेम के किस्से खुलेआम चर्चित थे और यह था महारावल लक्ष्मण सिंह के सुपुत्र राज सिंह डूंगरपुर के साथ।बताया जाता है कि दोनों में नजदीकिया क्रिकेट को लेकर हुई थी चूंकि लता मंगेश्कर जी को क्रिकेट बेहद पसंद था और राज सिंह जी उस समय क्रिकेट खेल से जुड़े हुए थे।इन दोनों की बात इस हद तक बढ़ गयी थी कि राज सिंह डूंगरपुर ने अपने पिता से लता मंगेश्कर जी के बारे में बात भी कर ली थी लेकिन चूंकि लता मंगेश्कर मध्यमवर्गीय परिवार से आती थी इसलिए महारावल लक्ष्मण सिंह ने इन दोनों के शादी को मंजूरी नही दी।लता मंगेशकर जी ने हमेशा इन खबरों का खंडन किया लेकिन हो न हो उनके ताउम्र कुंवारी रहने का यह भी एक बड़ा कारण हो सकता हैं।
राज सिंह डूंगरपुर ने अपने पिता के समक्ष पेश की थी लता जी से शादी का प्रस्ताव
1953 में अपनी पढ़ाई पूरी करने के उपरांत राज सिंह जी क्रिकेट से जुड़ गए और राजस्थान की तरफ से मध्यम गति से गेंदबाजी करते थे और लता जी की क्रिकेट से दीवानगी किसी से छिपी नही है बताया जाता है कि दोनों की नजदीकियां इसी दौरान बढ़ी थी।राज सिंह ने अपने पिता लक्ष्मण महारावल से इस बारे में बात की थी लेकिन लता जी के राज खानदान के न होने की वजह से उनका यह रिश्ता आगे नही बढ़ सका।