अभी के समय मे जीवन यापन को खुशहाली से चलाने के लिए हमे धन की आवश्यकता पड़ती है लेकिन अथक परिश्रम के बावजूद भी हमारे पास पैसो की किल्लत हो जाती है।कई बार तो हमारे मन मे गलत काम करने के ख्याल आने लग जाते है पैसो के लिए क्योंकि हम जो परिश्रम कर रहे है उंसके मुताबिक हमे सफलता प्राप्त नही होती है।अगर आपको भी अपने जीवन यापन में सुधार करना है और आप भी चाहते है कि आपके जिंदगी में पैसो की किल्लत नही हो तो आज हम आपको बताने जा रहे है कुछ ऐसे उपाय जिससे आपके पास पैसे की कमी नही रह जायेगी और आपका घर पैसो से भर जाएगा।
सनातन संस्कृति में मा लक्ष्मी को बहुत पूजनीय माना गया है क्योंकि वो धन प्रदान करती है।मान्यता है कि माँ लक्ष्मी की शुक्रवार को आराधना करने से वह बेहद प्रसन्न होती है और अपने भक्तो को यश प्रदान करती है जिससे उनके भक्त के पास किसी चीज की कोई कमी नही रहती है।लेकिन अगर आपको पैसो की जरूरत अचानक से आ पड़ी है और आपको कोई रास्ता नही सूझ रहा तो हम आज आपको बताएंगे एक ऐसा अचूक उपाय जिससे माँ लक्ष्मी आपसे बेहद जल्दी प्रसन्न हो जाएंगी और आपकी जरूरतों को चंद दिनों में ही पूरा कर देंगी।
अगर अचानक पैसों की जरूरत पड़ गई है तो
मां लक्ष्मी के 18 पुत्रों को करें ध्यान, ज्योतिष शास्त्र में ऐसे लक्ष्मी प्राप्ति के अचूक उपाय बताये गए है जिन्हें करने से जातक को अपनी मेहनत, अपने प्रयास के उत्तम फल मिलने लगते है, उसे माँ लक्ष्मी जी का आशीर्वाद मिलता है। मां भगवती लक्ष्मी जी के 18 पुत्र माने जाते हैं। अगर आपको अचानक पैसे रुपए की ज़रुरत पड़ जाए तो लक्ष्मी माता को नहीं, बल्कि उनके पुत्रों को पुकारिये। मान्यता है कि जब लक्ष्मी जी के पुत्रों का नाम लेंगे, तो मां दौड़ी चली आती है और जिस घर में नित्य माँ लक्ष्मी के 18 पुत्रो का नाम लिया जाता है माँ उस घर पर स्थाई रूप से निवास करती है, उस जातक उस घर के सदस्यों को कभी भी धन की कमी नहीं होती है। इनके प्रतिदिन अथवा शुक्रवार के दिन इनके नाम के आरंभ में ॐ और अंत में ‘नम:’ लगाकर जप करने से मनचाहे धन की प्राप्ति होती है। जैसे:
ॐ देवसखाय नम:
ॐ चिक्लीताय नम:
ॐ आनंदाय नम:
ॐ कर्दमाय नम:
ॐ श्रीप्रदाय नम:
ॐ जातवेदाय नम:
ॐ अनुरागाय नम:
ॐ संवादाय नम:
ॐ विजयाय नम:
ॐ वल्लभाय नम:
ॐ मदाय नम:
ॐ हर्षाय नम:
ॐ बलाय नम:
ॐ तेजसे नम:
ॐ दमकाय नम:
ॐ सलिलाय नम:
ॐ गुग्गुलाय नम:
ॐ कुरूंटकाय नम:
इस जाप को पूर्व या उत्तर दिशा की मुँह करके 11 बार अवश्य ही करना चाहिए। शुक्रवार के अतिरिक्त यदि माता के पुत्रो का नित्य नाम भी लिया जाय तो और भी उत्तम है।
यदि संभव हो तो इन्हे एक सफेद कागज पर लाल स्याही से लिख कर रख लें और पढ़ने के बाद इस कागज को चूमकर अपने माथे से अवश्य लगाएँ। ऐसा करने के चंद दिनों बाद ही आप मे बदलाव स्पष्ट रूप से दिखना शुरू हो जाएगा और आपकी सारी मुसीबते स्वतः ही समाप्त हो जाएगी।