भारतीय फिल्म इंडस्ट्री और दक्षिण भारत मे कई ऐसे फ़िल्म निर्देशक है जिन्होंने बेहद ऐतिहासिक फिल्मों का साक्षी हमे बनाया है लेकिन आज हम एक ऐसे निर्देशक का नाम बताने जा रहे है जिन्होंने आज तक सिर्फ 10 फिल्में निर्देशित की है लेकिन वह सभी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर साबित हुई और सारी की सारी फिल्में हिट नही बल्कि सुपरहिट साबित हुईं।हम बात कर रहे है बाहुबली फ़िल्म के निर्देशक एस एस राजमौली जी की जो सिनेमा इतिहास के बाहुबली बन गए है।राजमौली साहब जी को सिनेमा इतिहास में आये 21 वर्ष हो चुका है और उन्होंने जिस भी फ़िल्म को चुना उस फिल्म ने इतिहास रच दिया ।राजमौली साहब ने अपने करियर में 10 फिल्में बनाई है और सभी ने इतिहास रच दिया आज हम बताने जा रहे है उन दस फिल्मो के बारे में जिनका निर्देशन राजमौली जी ने किया है।
स्टूडेंट नम्बर वन
जूनियर एन टी आर अभिनित इस फ़िल्म की लागत महज 1 करोड़ थी लेकिन राजमौली जी के निर्देशन का ही जादू था कि इस फ़िल्म ने बढ़िया कमाई की
सीमहदृ
जूनियर एनटीआर और भूमिका चावल अभिनीत इस फ़िल्म ने बॉक्स आफिस पर तहलका मचा दिया था और फ़िल्म सुपरहिट साबित हुई थी।
साई
नितिन और जेनेलिया डिसूजा अभिनीत यह स्पोर्ट्स पर बेस्ड फ़िल्म थी जो उस दौर की सबसे बेहतरीन फिल्मों में शामिल हुई।
छत्रपति
प्रभास और श्रिया सरन की इस जोड़ी वाली फिल्म को आज भी दर्शक देखना बेहद पसंद करते है ।महज 2 करोड़ की लागत वाली इस फ़िल्म ने 25 करोड़ की कमाई की थी।
विक्रमकुड़
रवि तेजा और अनुष्का शेट्टी इस फ़िल्म के लीड रोल में थे।आगे चलकर बॉलीवुड में राउडी राठौर के नाम से इसका रीमेक भी बना।
यमडोंगा
इस फ़िल्म को क्रिटिक्स ने बेहद सराहना की थी और यह फ़िल्म आज भी बेहतरीन फिल्मों में एक है।जूनियर एनटीआर इस फ़िल्म में लीड रोल में थे।
मगधीरा
पीरियड ड्रामा पर आधारित इस फ़िल्म में रामचरण और काजल अग्रवाल मुख्य भूमिका में थीं।आज भी इस फ़िल्म की तुलना बड़े फिल्मों से की जाती हैं।
मर्यादा रमन्ना
महज 4 करोड़ के बजट में बनी यह फ़िल्म 29 करोड रुपए का बड़ा रकम कमाने में कामयाब हुई इसलिए इस फिल्म को सफल फिल्मों में शुमार किया जाता है।
मक्खी
राज मौली साहब की यह इकलौती फंतासी फिल्म जो उन्हें निर्देशित की और इसमें बेटाडिन स्टोरी लाइन डाली इस वजह से इलेक्शन बेहतरीन फिल्मों में से एक मानी जाती है।
बाहुबली
भारतीय सिनेमा इतिहास की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में शुमार है यह फिल्म इस फिल्म के लिए राज मौली साहब को लंबे समय तक याद रखा जाएगा और उनकी बारीकी से किये गए निर्देशन का ही यह कमाल था जो यह फ़िल्म इतनी कामयाब हो सकी।